दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚, खà¥à¤œà¤²à¥€ à¤à¤• आम समसà¥à¤¯à¤¾ है, जो किसी की à¤à¥€ तà¥à¤µà¤šà¤¾ को निशाना बना सकती है। शरीर की सही देखà¤à¤¾à¤² और नियमित सफाई की मदद से इससे बचा जा सकता है। वहीं, खà¥à¤œà¤²à¥€ होने पर घरेलू उपाय को अपना कर इससे कà¥à¤› हद तक आराम पाया जा सकता है, लेकिन अगर उनसे आराम न मिले, तो खà¥à¤œà¤²à¥€ का इलाज करना जरूरी है। हम आशा करते हैं कि अब आप समठगठहोंगे कि खà¥à¤œà¤²à¥€ कैसे दूर करें। à¤à¤¸à¥€ ही कई अनà¥à¤¯ शारीरिक समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं के घरेलू उपचार जानने के लिठपà¥à¤¤à¥‡ रहे सà¥à¤Ÿà¤¾à¤‡à¤²à¤•à¥à¤°à¥‡à¤œà¥¤
यह जादà¥à¤ˆ उपाय उचà¥à¤š रकà¥à¤¤à¤šà¤¾à¤ª को कम करके हृदय रोग के जोखिम को à¤à¥€ कम करता है और मोटापे या मधà¥à¤®à¥‡à¤¹ के कारण होने वाली हृदय संबंधी समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं से à¤à¥€ बचाता है.
आंखों की जलन में अड़हà¥à¤² का औषधीय गà¥à¤£ लाà¤à¤¦à¤¾à¤¯à¤•
* नवरातà¥à¤° के नौ दिन के उपवास में अरारोट का आटा, राजगीरा आटा, कà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¥‚ आटा, सिंघाड़े का आटा, साबूदाना आटा, समा चावल का उपयोग किया जा सकता है।
याददाशà¥à¤¤ बढ़ाने के लिठगà¥à¤¡à¤¼à¤¹à¤² का उपयोग
यही कारण है कि नवरातà¥à¤°à¤¿ के पहले दिन घट सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ के लिठपूरे विधि-विधान से जौ बोठजाते हैं. कà¥à¤¯à¤¾ होता है जौ (यव)?
रोग पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤°à¥‹à¤§à¤• कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ बढ़ाà¤: तà¥à¤°à¤¿à¤«à¤²à¤¾ में उचà¥à¤š मातà¥à¤°à¤¾ में à¤à¤‚टीऑकà¥à¤¸à¥€à¤¡à¥‡à¤‚ट और पोषक ततà¥à¤µ जैसे विटामिन सी, टैनिन, फिनोल, पॉलीफेनोलà¥à¤¸, फà¥à¤²à¥‡à¤µà¥‹à¤¨, फाइटोकेमिकलà¥à¤¸ और अनà¥à¤¯ पोषक ततà¥à¤µ होते हैं और शरीर की रोग पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤°à¥‹à¤§à¤• कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ को बढ़ाने में मदद करते हैं.
इनमे गेंहू, मकà¥à¤•à¥‡ का आटा, सूजी, चावल, बेसन, रागी और बाजरे का आटा शामिल है. नहीं खाया जाता है सफेद नमक
अगर आप इसका इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² करना चाहते हैं तो आप इसको पाउडर के रूप में बाज़ार से खरीद à¤à¥€ सकते website हैं लेकिन अगर घर पर इसे बनाना चाहते हैं तो आप इसे बना à¤à¥€ सकते हैं। इसे पाउडर बनाने के लिठसबसे पहले आपको गà¥à¤¡à¤¼à¤¹à¤² के फूल को पानी से अचà¥à¤›à¥€ तरह से धोना होगा उसके बाद आपको उस à¤à¤• या दो दिन तक अचà¥à¤›à¥€ तरह से धूप में सà¥à¤–ना है। जब वह सà¥à¤– जाता है तब उसको मिकà¥à¤¸à¥€ की सहायता से अचà¥à¤›à¥€ तरह से पीस लेना है धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रहे कि आपको उसको पूरी तरह सà¥à¤–ाना है उसमे किसी तरह कि नमी मौजूद नहीं होना चाहिà¤à¥¤ इस तरह से आप कà¤à¥€ à¤à¥€ गà¥à¤¡à¤¼à¤¹à¤² का पाउडर बना सकते हैं। चलिठआगे इसके कà¥à¤› अलग अलग नामों के बारे में जानते हैं कि इसे कà¥à¤¯à¤¾ कà¥à¤¯à¤¾ नाम से जाना जाता है।
अब इस मिशà¥à¤°à¤£ को सीधे खà¥à¤œà¤²à¥€ वाली तà¥à¤µà¤šà¤¾ पर लगाà¤à¤‚ और इसे सूखने दें।
नवरातà¥à¤° के दौरान जौ बोने की परंपरा तो सदियों पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ है. लेकिन इसके साथ ही कà¥à¤› और बातें à¤à¥€ जà¥à¤¡à¤¼à¥€ हैं। मसलन जौ जातक के à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में आने वाले संकेतों को à¤à¥€ दरà¥à¤¶à¤¾à¤¤à¥€ है. à¤à¤¸à¤¾ कहा जाता है कि जौ जितने बड़े उगते हैं, उतनी ही कृपा मां दà¥à¤°à¥à¤—ा की हम पर होती है.
फायदेमंद होते हैं और हमारे शरीर को कई सारे बिमारियों से बचाते हैं
किसी à¤à¥€ समसà¥à¤¯à¤¾ को रातों-रात ठीक नहीं किया जा सकता है। हालांकि, बेहतर उपचार की मदद से कà¥à¤› दिनों में खà¥à¤œà¤²à¥€ की समसà¥à¤¯à¤¾ को ठीक किया जा सकता है।
पारंपरिक नवरातà¥à¤°à¤¿ आहार हमारी जठरागà¥à¤¨à¤¿ को शांत करता है। यह नीचे दरà¥à¤¶à¤¾à¤¯à¥€ किसी à¤à¥€ सामगà¥à¤°à¥€ के संयोजन से हो सकता है :
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